स्वतन्त्रता संग्राम के समय जब पूरे भारत में पत्रकारिता लड़ाई का अहम हिस्सा बन गयी थी। उसी समय दस के दशक में 1918 में अररिया जिले के सिमरबनी गांव से अमर कथाकार, नाटककार एवं स्वतन्त्रता सेनानी पंडित रामदेनी तिवारी ‘द्विजदेनी’ के सम्पादकत्व में पहली पत्रिका “हितैषी” निकली। राष्ट्रीय विचारधारा को प्रभावित करने के साथ-साथ द्विजदेनीजी ने अपनी इस पत्रिका के माध्यम से युवकों को स्वतन्त्रता आन्दोलन में शरीक होने के लिए प्रोत्साहित किया। अर्थाभाव के चलते दो अंक निकलने के बाद “हितैषी” का प्रकाशन बंद हो गया। पुनः जून 1923 में यह फारबिसगंज से प्रकाशित हुआ। पत्रिका के चित्र कलकत्ता से छपते थे, वहीं पत्रिका भागलपुर के एंजिल प्रेस में छपती थी। यह पत्रिका भारत के साथ-साथ दूसरे अन्य देशों में भी जाती थी। विदेशों के रचनाकार अपनी रचना इस पत्रिका में प्रकाशन हेतु भेजते थे ।
अमर आंचलिक सहित्यकार फणीश्वरनाथ ‘रेणु’ द्वारा सम्पादित “नई दिशा” (पूर्णिया), पूरन साह के संचालन-सम्पादन में एक साप्ताहिक “लाल हिमालय” का चीनी आक्रमण के सन्दर्भ में प्रकाशन होता था। भूपनारायण झा द्वारा सम्पादित “नई क्रान्ति”, प्रो० कमला प्रसाद ‘बेखबर’ द्वारा सम्पादित “कोशी करंट”, हर्षवर्द्धन साह द्वारा “अररिया बुलेटिन”, स्व० हरदेव शास्त्री द्वारा “लोकमत”, एवं फारबिसगंज के भोलानाथ मंडल द्वारा पूर्णिया से “युगवाणी” का प्रकाशन रेणु की माटी एवं द्विजदेनीजी के कर्मक्षेत्र से हुआ था। 1975 से चन्द्रशेखर देव के द्वारा बारह पृष्ठों का एक साप्ताहिक पत्र “युवा-प्रयास” का प्रकाशन किया गया,जो तीन दशक से अधिक समय तक नियमित रूप से निकलता रहा।जिले में पत्रकारिता का अलख जगाने वाले विभूतियों में भागवतराम अग्रवाल और उनके पुत्र राजेंद्र अग्रवाल,सांवरमल अग्रवाल,प्रो.राधा रमण चौधरी,प्रो.मोतीलाल जैन,डा. एनएलदास,सत्यनारायण सिंह,बालेंद्र गुप्ता,सुभाष चंद्र मिश्र,नागेश्वर प्रसाद मधुप,आरके राजू,राजकुमार अग्रवाल,आरके चांद,आजातशत्रु अग्रवाल,अवधेश बच्चन,परवाहा के सुशील मिश्रा,विद्यानंद मिश्रा का अहम योगदान रहा। अररिया जिला में पत्रकारिता का अलख जगाने में कलमकारों में श्याम सुंदर प्रसाद,विनोद प्रसाद, डा नवल किशोर दास, डा प्रो अशोक कुमार झा, सूदन सहाय,एलपी नायक, हारुण रसीद गाफिल, चंद्रशेखर मल्लिक,सुब्रत सिन्हा, विजय सिंह नाहटा, डा.अशोक आलोक,अरुण मंडल,विष्णुदेव झा बेदी,जितेंद्र सिंह,फुलेंद्र मल्लिक,अमोद शर्मा,मृगेंद्र मणि,प्रशांत परासर,रामदेव झा, अमित अमन, सुनील आजाद,ज्योतिष झा,की लेखनी पत्रकारिता के वसूलों को कायम रखा। पत्रकारिता के बदलते आयामों के बीच क्षेत्रीय पत्रकारिता को बढ़ावा मिलने के बाद कई मेन स्ट्रीम के दैनिक पत्रों का जिला स्तरीय कार्यालय खुलने के बाद स्टाफ रिपोर्टर के रूप में कार्यालय प्रभारी ने भी क्षेत्रीय पत्रकारिता को गति प्रदान करने के साथ टीम के नेतृत्वकर्ता के रूप में बखूबी निर्वहन किया।
समय के अनुसार फणीश्वरनाथ रेणु के कलमकारों ने भी पत्रकारिता के बदलते आयाम के बीच अपने को बदला।प्रिंट के बाद इलेक्ट्रॉनिक्स मीडिया अर्थात ब्रॉडकास्टिंग जर्नलिज्म में भी अपनी तूती मनवाई। मेन स्ट्रीम के ब्रॉडकास्टिंग पत्रकारिता में मुर्शीद रजा,पंकज कुमार रणजीत,राहुल कुमार ठाकुर,रवि कुमार भगत,नितेश आनंद,अमरेंद्र कुमार, राकेश भगत,शाहिद बशीर,अरुण कुमार,रुपेश कुमार,सतीश मिश्रा आदि ने भी समय अनुरूप अपनी महती भूमिका का निर्वहन कर रहे हैं।आज जिले में वेब जर्नलिज्म का भी बोलबाला है।बड़ी संख्या में न्यूज पोर्टल के माध्यम से आमजनों के बीच समाचार परोसे जा रहे हैं।सोशल मीडिया के रूप में यूट्यूब चैनल बनाकर यूट्यूबर सामाजिक गतिविधियों और खबरों को तेजी से सामने लाने का काम कर रही है।जिले के कई ऐसे कलमकार हैं,जिन्होंने जिले के बाहर प्रदेश और राष्ट्रीय स्तर पर भी अपनी कलम के जादू से कलमकारों को प्रभावित किए।कई पत्रकारिता के मुख्य धारा के बड़े पदों पर काबिज हुए तो कुछ ने न्यूज एजेंसी और राष्ट्रीय स्तर पर पत्रिका का प्रकाशन में जुटे हैं।
आज पत्र-पत्रिकाओं का प्रकाशन करना कोई आसान बात नहीं है। बावजूद इसके समूचे भारत से लाखों की संख्या में दैनिक पत्र, साप्ताहिक पत्र-पत्रिकाएं, मासिक एवं पाक्षिक आदि का प्रकाशन अबाध गति से जारी है और पत्रकारिता के गतिमान यात्रा के बीच अररिया जिला भी लगातार अग्रसर है।
श्री परवेज अलम
कार्यकाल - 03.01.2016 से 01.03.20